Friday, March 7, 2008

कुछ अच्छी बातें

रसुल अल्लाह (स।अ।व) ने फ़रमाया कि
  • जो शख्स हर वक्त वज़ू में रहेगा अल्लाह तआला उसकी रोज़ी खुशादा फ़रमायेगा
  • उस शख्स की हाजत जल्द से जल्द पूरी होगी जो शख्स अपनी हाजत किसी और इंसान को नहीं बताएगा
  • अल्लाह तआला उस शख्स को आबाद करता है जो शख्स हदीस-ए-नबवी (स।) सुन कर दूसरों को पहुंचाता है

जन्नत के दरवाज़े

जन्नत के कुल आठ दरवाज़े हैं:-
१। जन्नतुल मावा
२। दारुल मकाम
३। दारुल सलाम
४। दारुल खुल्द
५। जन्नतुल अदान
६। जन्नतुल नईम
७। जन्नतुल कासिफ़
८। जन्नतुल फ़िरदौस

सोचो फ़िर गाना गाओ

कुछ गाने ऐसे होते है जो खुदा के साथ तमाम तरह के रिश्ते बनते है खुदा के साथ किसी दुसरे को माबूद मनवाते है ऐसे गानों को आप सुन कर या गाकर खुदा से खुली एलान-ए-जंग कर रहें है
कभी आप ने गौर किया कि आप क्या गारहे हैं
अल्लाह हम सब को कलमा-ए-तौहीद का विर्द करने की तौफ़ीक अता फ़रमा।
आमीन

आज कल के मुसलमान

फ़जर, नींद में!
ज़ोहर, जोब में !
असर, आराम में !
मगरिब, घर के काम में !
इशा, टीवी में !
तेहज्जुद गेहरी नींद में !
जुमा की दो रकात वो भी दुनिया के डर से !
क्या आप जानते हो कब्र में नमाज़ों के बारे में ही सवाल होगा
आप सब से गुज़ारिश है कि आप सब अपने भाइयों और बहनों को नमाज़ पढने की हिदायत दें
अल्लाह हम सब को कम से कम पांच वक्त का नमाज़
आमीन

Friday, February 22, 2008

सूरहः की बरकत

आप (सल.) ने फ़रमाया कि कुल होवल्लाह शरीफ़ एक बार पढ.ने से तिहाई कुरान शरीफ़ पढ.ने का सवाब मिलता है तीन बार पढ.ने से एक कुरान शरीफ़ का सवाब मिलता है.

Thursday, February 21, 2008

गुनाहे कबीरा (हदीस बुखारी)

"बिस्मिल्लाह हिर्रेहमान निर्रहीम"
हज़रत अब्दुल्लाह बिन उमर (रज़ि) से रवायत है कि हुज़ूर (सल.) ने इरशाद फ़रमाया कि,
अल्लाह के साथ शरीक ठहराना
वालिदैन की नाफ़रमानी करना
किसी जान को नाहक कत्ल करना
खुदकुशी करना
और जानते बूझते हुए झूठी कसम उठाना

अल्लाह कयामत के दिन राज़ी होगा


हज़रत अबू दाउद (रज़ि) से रवायत है कि, हुज़ूर (सल.) ने फ़रमाया कि जो शख्स इस दुआ को सुबह शाम तीन बार पढे.गा अल्लाह पर लाज़िम है कि उसे कयामत वाले दिन राज़ी कर दे.

Friday, February 15, 2008

उम्मीद और खौफ़ (हदीस)


हज़रत उन्स बिन मालिक (रज़ि.) से रवायत है कि रसूल अल्लाह (सल.) एक जवान के पास तशरीफ़ ले गये जिस पर हालते नज़अ तारी थी. आप ने उस से पूछा क्या उम्मीद रखते हो?
उस ने कहा ऎ अल्लाह के रसूल खुदा की कसम मैं अल्लाह से उम्मीद रखता हूं कि वो मेरे गुनाह माफ़ कर देगा और मुझे जन्नत में दाखिल करेगा.
आप (सल.) ने फ़रमाया " जिस कल्ब में उम्मीद और खौफ़ दोनो जमा होते हैं वो ज़रुर निजात पाता है.

हदीस

" बिस्मिल्लाह हिर्रहमानिर्रहीम"
सैयदना अबू हुरैरा (रज़ि) से मर्वी है कि रसूल (सल.) ने फ़रमाया कि दो कलमे ज़बान पर हल्के, मीज़ान में भारी और रहमान को बडे. प्यारे हैं

हदीस

" बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम"
हज़रत उन्स (रज़ि.) से रवायत है कि नबी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने फ़रमाया कि अपने मुसलमान भाई की (ज़ालिम हो कि मज़लूम) इमदाद करो.
एक शख्स ने अरज़ किया कि या रसूल अल्लाह (सल.) अगर ज़ालिम हो तो भी उस की इमदाद करुं?
तब रसूल (सल.) ने फ़रमाया कि उसे ज़ुल्म करने से रोको बस ये ही उस की मदद है.
(बुखारी)