Tuesday, January 12, 2010

सूरह मायदा

काश उन्होने तोराह ओर इन्जील ओर उन दूसरी किताबों को कायम किया होता जो उनके रब की तरफ़ से उन के पास भेजी गई थीं. ऐसा करते तो उन के लिये उपर से रिज़्क बरसता और नीचे से उबलता. अगर चे उन मे कुछ लोग रास्तरो भी हैं लेकिन उनकी अकसरियत सख्त बदअमल है.---सूरह मायदा


1 comment:

Duanamaz.com said...

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